सूचक प्रश्न LEADING QUESTION किसे कहते हैं ?
सूचक प्रश्न :-
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 141-143 में सूचक प्रश्न ( Leading Question ) से सम्बन्धित प्रावधान निहित हैं ।
मुख्य परीक्षा :- अर्थात् साक्षी से बुलाने वाले पक्षकार द्वारा प्रश्न, करने का उद्देश्य यह होता है कि साक्षी स्वयं अपने मुँह से मामले को वर्णित करे ।
सुसंगत तथ्यों के बारे में उसे प्रश्न पूछना चाहिये और फिर उसे अपनी जानकारी के अनुसार उत्तर देने की पूर्ण स्वतन्त्रता मिलनी चाहिये । उसे उत्तर के बारे में कोई सुझाव नहीं मिलना चाहिये ।
कोई भी ऐसा प्रश्न जो साक्षी को उत्तर के बारे में भी सुझाव दे , उसे सूचक प्रश्न कहते हैं ।
अगर ऐसे प्रश्नों की अनुज्ञा (आज्ञा) होती है तो मुख्य परीक्षा करने वाला वकील गवाह के मुँह से ऐसी कहानी गढ़वा लेता है । जो वह अपने साक्षी से चाहता है ।
सूचक प्रश्न की परिभाषा धारा 141 में दी गई है ,
जिसके अनुसार,
कोई प्रश्न जो उत्तर को सुझाता है जिसे पूछने वाला व्यक्ति पाना चाहता है या पाने की आशा करता है , सूचक प्रश्न कहा जाता है ।
धारा 142 के अनुसार :-
सूचक प्रश्न मुख्य परीक्षा में या पुनः परीक्षा में यदि विरोधी पक्षकार द्वारा आक्षेप किया जाता है तो न्यायालय की अनुज्ञा के बिना नहीं पूछे जाने चाहिये ।
धारा 143 के अनुसार :-
सूचक प्रश्न प्रतिपरीक्षा में पूछे जा सकेंगे ।
धारा 141 में जहां सूचक प्रश्न की परिभाषा दी गई है वहीं धारा 142 का शीर्षक है- सूचक प्रश्न कब नहीं पूछना चाहिये तथा धारा 143 में कहा गया है कि सूचक प्रश्न कब पूछा जा सकेगा ।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 143 के अनुसार सूचक प्रश्न अनुसार प्रतिपरीक्षा में पूछे जा सकेंगे , परन्तु ध्यातव्य है कि धारा 142 के अन्तर्गत सूचक प्रश्न मुख्य परीक्षा एवं पुनः परीक्षा में भी यदि विरोधी पक्षकार आक्षेप करे तो न्यायालय की अनुज्ञा से पूछे जा सकते हैं ।
1 Comments
Wow
ReplyDelete