संविधान भाग 1 – संघ और उसका राज्य क्षेत्र (Union and its Territory)
अनुच्छेद 1 से 4 – भारत के संघ की रचना और सीमाओं से जुड़ा है।
अनुच्छेद 5 से 11 – भारत की नागरिकता (Citizenship) से संबंधित हैं।
अनुच्छेद 1 – भारत का संघ
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भारत को एक "संघ" (Union of States) कहा गया है, न कि "संघीय राज्य"।
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इसका मतलब है कि भारत के सभी राज्य एक साथ मिलकर एक अटूट भारत बनाते हैं।
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भारत का क्षेत्रफल = राज्यों + संघीय क्षेत्रों + अधिग्रहीत क्षेत्रों को मिलाकर होता है।
उदाहरण: जम्मू-कश्मीर पहले राज्य था, अब दो केंद्र शासित प्रदेश बन चुके हैं।
अनुच्छेद 2 – नए राज्यों की प्रवेश और स्थापना
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संसद को यह शक्ति दी गई है कि वह भारत के बाहर से किसी क्षेत्र को भारत में शामिल कर सकती है।
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यह नया राज्य भी बना सकती है।
उदाहरण: सिक्किम पहले भारत का हिस्सा नहीं था, लेकिन 1975 में अनुच्छेद 2 के तहत भारत में शामिल किया गया।
अनुच्छेद 3 – राज्यों की सीमाओं में बदलाव
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संसद राज्यों का:
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नाम बदल सकती है
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सीमाएँ बदल सकती है
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दो या ज्यादा राज्यों को मिला सकती है
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एक राज्य को दो कर सकती है
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महत्वपूर्ण: राष्ट्रपति को पहले उस राज्य से राय लेनी होती है, लेकिन उसकी सहमति जरूरी नहीं है।
अनुच्छेद 4 – उपबंध
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अनुच्छेद 2 और 3 के अंतर्गत बनाए गए कानून संविधान में संशोधन नहीं माने जाते, यानी इसके लिए विशेष प्रक्रिया की ज़रूरत नहीं है।
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