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मंडल और कमंडल की राजनीति का विस्तृत विवरण | What is mandal commission Report?

मंडल और कमंडल की राजनीति


What is mandal commission Report?

मंडल और कमंडल की राजनीति का विस्तृत विवरण

1. मंडल की राजनीति

मंडल की राजनीति सामाजिक न्याय पर आधारित है, जिसका उद्देश्य भारतीय समाज में पिछड़े वर्गों को बराबरी का दर्जा देना था। यह भारतीय राजनीति में जातीय पहचान और अधिकारों की लड़ाई को बढ़ावा देता है।

मंडल आयोग का गठन
  • 1979 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने बिपिन चंद्र मंडल की अध्यक्षता में मंडल आयोग का गठन किया।
  • उद्देश्य: यह आयोग यह पता लगाने के लिए बनाया गया था कि भारत में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग कौन हैं और उनकी स्थिति सुधारने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
  • रिपोर्ट:
    • 52% भारतीय आबादी को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के रूप में पहचाना गया।
    • सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 27% आरक्षण की सिफारिश की गई।
मंडल आयोग की सिफारिशों का लागू होना
  • 1990 में प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह ने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू किया।
  • परिणाम:
    • OBC समुदायों को आरक्षण का लाभ मिला।
    • उच्च जातियों में नाराजगी फैल गई।
    • छात्रों ने जगह-जगह प्रदर्शन किए, जिसमें आत्मदाह की घटनाएँ भी शामिल थीं।
राजनीतिक प्रभाव
  • मंडल आयोग के लागू होने से जाति आधारित राजनीति को बढ़ावा मिला।
  • राष्ट्रीय जनता दल (RJD), समाजवादी पार्टी (SP) जैसे क्षेत्रीय दल उभरे, जो पिछड़े वर्गों के अधिकारों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • मंडल ने सत्ता का विकेंद्रीकरण किया, जिससे राजनीति में पिछड़े वर्गों और दलितों की भागीदारी बढ़ी।

2. कमंडल की राजनीति

कमंडल की राजनीति हिंदू धर्म और हिंदुत्व की विचारधारा पर आधारित है। यह राजनीति भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेतृत्व में विकसित हुई।

राम जन्मभूमि आंदोलन
  • 1980 के दशक में, BJP और RSS ने राम जन्मभूमि विवाद को राजनीतिक मुद्दा बनाया।
  • दावा: अयोध्या में राम मंदिर के स्थान पर बाबरी मस्जिद बनाई गई थी।
  • 1990 में लालकृष्ण आडवाणी ने राम रथ यात्रा शुरू की, जिसने देशभर में हिंदू समुदाय को एकजुट किया।
  • 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद यह आंदोलन चरम पर पहुंचा।
कमंडल का प्रतीकात्मक अर्थ
  • "कमंडल" हिंदू साधुओं द्वारा उपयोग किया जाने वाला जल पात्र है।
  • यह हिंदू धर्म और संस्कृति का प्रतीक बन गया और BJP ने इसे अपनी पहचान के रूप में अपनाया।
राजनीतिक प्रभाव
  • राम जन्मभूमि आंदोलन के कारण BJP का राजनीतिक प्रभाव बढ़ा।
  • 1996 में BJP सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
  • कमंडल की राजनीति ने हिंदुत्व को एक राजनीतिक आंदोलन में बदल दिया।

मंडल और कमंडल का टकराव

मंडल और कमंडल की राजनीति ने भारतीय समाज और राजनीति को गहराई से प्रभावित किया।

  • मंडल की राजनीति ने जाति आधारित अधिकारों की लड़ाई को तेज किया।
  • कमंडल की राजनीति ने धार्मिक पहचान को मजबूत किया।
  • मंडल आयोग के लागू होने से उच्च जातियों में गुस्सा बढ़ा, जिसे BJP ने अपने पक्ष में इस्तेमाल किया।
1990 का दौर
  • वी.पी. सिंह द्वारा मंडल आयोग लागू करने के बाद BJP ने राम जन्मभूमि आंदोलन को तेज किया।
  • समाज का ध्रुवीकरण:
    • मंडल: पिछड़ी जातियों (OBC, दलित) ने समर्थन किया।
    • कमंडल: हिंदू धर्म के नाम पर एकजुटता बनी।

मंडल और कमंडल का दीर्घकालिक प्रभाव

  1. सामाजिक प्रभाव

    • मंडल की राजनीति ने पिछड़े वर्गों को सामाजिक और राजनीतिक अधिकार दिए।
    • कमंडल की राजनीति ने हिंदुत्व की विचारधारा को बल दिया और धर्म आधारित विभाजन को बढ़ावा दिया।
  2. राजनीतिक प्रभाव

    • मंडल ने क्षेत्रीय दलों को ताकत दी, जैसे:
      • लालू प्रसाद यादव (RJD)
      • मुलायम सिंह यादव (SP)
    • कमंडल ने BJP को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया।
  3. वर्तमान संदर्भ

    • आज भी जाति और धर्म भारतीय राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
    • मंडल और कमंडल की राजनीति का प्रभाव चुनावों, नीतियों और सामाजिक संघर्षों में देखा जाता है।


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