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आयकर अधिनियम, 1961 के तहत अपील (Appeal under Income Tax Act Hindi , 1961)

Unit -3


Unit -3 आयकर अधिनियम, 1961 के तहत अपील (Appeal under Income Tax Act in Hindi , 1961)


आयकर अधिनियम, 1961 के तहत अपील (Appeal under Income Tax Act, 1961)

Section 246A, 252, 260A, 261

रूपरेखा:- 

1. प्रस्तावना (Introduction):- 

2. अपील करने के कारण (Reasons for Filing an Appeal) :- 

(A) प्रथम अपील – आयुक्त (अपील) (Commissioner of Income Tax – Appeals) [धारा 246A] 30days

(B) दूसरी अपील – आयकर अपीलीय अधिकरण (Income Tax Appellate Tribunal - ITAT) [धारा 252] 60days

CIT v. B.R. Constructions (1993)

(C) तीसरी अपील – उच्च न्यायालय (High Court) [धारा 260A] 120days

K.C. Builders v. ACIT (2004)

(D) चौथी अपील – उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) [धारा 261] 90days

McDowell & Co. v. CTO (1985) 

3. अपील करने की प्रक्रिया (Procedure for Filing an Appeal) :-

4. अपील कब नहीं की जा सकती? (When Appeal Cannot Be Filed?):-

5. निष्कर्ष (Conclusion):- 



1. प्रस्तावना (Introduction):- 

जब भी आयकर विभाग (Income Tax Department) किसी व्यक्ति या कंपनी पर गलत तरीके से टैक्स लगाता है, अधिक टैक्स मांगता है या टैक्स से जुड़ा कोई गलत निर्णय देता है, तो उस व्यक्ति या कंपनी को अपील (Appeal) करने का अधिकार होता है।


आयकर अधिनियम, 1961 में अपील करने की प्रक्रिया, कहां अपील करनी है, और किन परिस्थितियों में अपील की जा सकती है, यह सब बताया गया है। इस प्रक्रिया से कोई भी व्यक्ति या कंपनी अपने अधिकारों की रक्षा कर सकता है और सही न्याय पा सकता है।


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2. अपील करने के कारण (Reasons for Filing an Appeal) :- 


कोई भी व्यक्ति या कंपनी निम्नलिखित कारणों से आयकर विभाग के फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है:


1. गलत तरीके से टैक्स निर्धारण (Wrong Tax Assessment) – अगर आयकर अधिकारी (Assessing Officer) ने गलत तरीके से अधिक टैक्स लगा दिया हो।


2. गलत पेनाल्टी (Wrong Penalty) – अगर गलत तरीके से जुर्माना (Penalty) लगाया गया हो।


3. गलत ब्याज (Wrong Interest Calculation) – अगर ब्याज की गणना (Interest Calculation) गलत हुई हो।


4. गलत इनकम जोड़ी गई हो (Wrong Income Addition) – अगर आयकर विभाग ने ऐसी आमदनी जोड़ी हो जो वास्तव में नहीं थी।


5. रिफंड न मिलना (Refund Not Given) – अगर टैक्स ज्यादा भर दिया हो और उसका रिफंड (Refund) नहीं दिया गया हो।





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2. अपील करने के लिए कौन-कौन से लेवल हैं? (Levels of Appeal in Income Tax Act, 1961)


आयकर अधिनियम में अपील करने के 5 स्तर (Levels) होते हैं:


(A) प्रथम अपील – आयुक्त (अपील) (Commissioner of Income Tax – Appeals) [धारा 246A]

अगर किसी व्यक्ति को आयकर अधिकारी के फैसले से आपत्ति है, तो वह आयकर आयुक्त (अपील) के पास अपील कर सकता है।


उदाहरण:-

राजेश की आमदनी 10 लाख रु. थी, लेकिन आयकर अधिकारी ने इसे 15 लाख रु. मानकर टैक्स लगा दिया।


राजेश को यह निर्णय गलत लगा, तो उसने आयुक्त (अपील) के पास अपील दायर की।


सजा (Judgment):

आयुक्त (अपील) ने फैसला सुनाया कि आयकर अधिकारी ने गलत फैसला लिया था, और टैक्स को सही किया गया।


अपील करने की समय सीमा:
30 दिन के अंदर अपील करनी होती है।



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(B) दूसरी अपील – आयकर अपीलीय अधिकरण (Income Tax Appellate Tribunal - ITAT) [धारा 252]

अगर किसी को आयुक्त (अपील) के निर्णय से भी आपत्ति है, तो वह आयकर अपीलीय अधिकरण (ITAT) में अपील कर सकता है।


महत्वपूर्ण केस:-

CIT v. B.R. Constructions (1993) – इस केस में ITAT ने कहा कि अगर आयुक्त (अपील) के फैसले में कोई गलती हो, तो टैक्सदाता ITAT में अपील कर सकता है।


अपील करने की समय सीमा:
60 दिन के अंदर अपील करनी होती है।



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(C) तीसरी अपील – उच्च न्यायालय (High Court) [धारा 260A]


अगर ITAT का फैसला भी सही नहीं लगता है, तो मामला राज्य के उच्च न्यायालय (High Court) में ले जाया जा सकता है।


महत्वपूर्ण केस:


K.C. Builders v. ACIT (2004) – सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर ITAT में न्याय नहीं मिला, तो टैक्सदाता हाई कोर्ट जा सकता है।


अपील करने की समय सीमा:

120 दिन के अंदर अपील करनी होती है



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(D) चौथी अपील – उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) [धारा 261]


अगर उच्च न्यायालय का फैसला भी सही नहीं लगता है, तो अंतिम अपील सुप्रीम कोर्ट में की जा सकती है।


महत्वपूर्ण केस:


McDowell & Co. v. CTO (1985) – सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर टैक्स से जुड़ा मुद्दा राष्ट्रीय महत्व का है, तो इसे सुप्रीम कोर्ट में सुना जा सकता है।


अपील करने की समय सीमा:
90 दिन के अंदर अपील करनी होती है।



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3. अपील करने की प्रक्रिया :- (Procedure for Filing an Appeal) 


1. अपील पत्र (Appeal Form) भरना – टैक्सदाता को अपील करने के लिए एक फॉर्म भरना पड़ता है।

2. फीस (Fee) जमा करना – अपील करने के लिए एक छोटी सी फीस जमा करनी होती है।

3. सभी दस्तावेज लगाना (Attach Documents) – टैक्स से जुड़े सभी जरूरी कागजात जमा करने होते हैं।

4. अपील अधिकारी के पास भेजना – अपील फॉर्म और दस्तावेज समय पर संबंधित अपील प्राधिकरण को भेजना होता है।


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4. अपील कब नहीं की जा सकती? (When Appeal Cannot Be Filed?)


अगर निम्नलिखित स्थितियाँ हों, तो अपील नहीं की जा सकती:-


1. अगर टैक्सदाता ने समय सीमा पार कर दी हो।

2. अगर टैक्सदाता ने टैक्स पूरी तरह जमा नहीं किया हो।

3. अगर मामला पहले ही किसी कोर्ट में लंबित (Pending) हो।


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5. निष्कर्ष (Conclusion)


आयकर अधिनियम, 1961 हर टैक्सदाता को अपील करने का अधिकार देता है, ताकि अगर टैक्स अधिकारी का कोई निर्णय गलत हो, तो उसे बदला जा सके। अपील की प्रक्रिया 5 स्तरों में होती है – आयुक्त (अपील), ITAT, हाई कोर्ट, और सुप्रीम कोर्ट।


अगर किसी व्यक्ति को गलत टैक्स लगाया गया है, तो उसे समय पर अपील करनी चाहिए और अपने अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।


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