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आंतरिक प्रबंधन का सिद्धांत (Doctrine of Indoor Management) in Hindi

आंतरिक प्रबंधन का सिद्धांत (Doctrine of Indoor Management)


आंतरिक प्रबंधन का सिद्धांत (Doctrine of Indoor Management
आंतरिक प्रबंधन का सिद्धांत (Doctrine of Indoor Management)


आंतरिक प्रबंधन का सिद्धांत, जिसे "तुर्की बनाम रॉयल ब्रिटिश बैंक" (Turquand v. Royal British Bank, 1856) के रूप में भी जाना जाता है, कॉर्पोरेट कानून में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। इस सिद्धांत के अनुसार, जो लोग किसी कंपनी के साथ व्यवसायिक लेनदेन करते हैं, उन्हें यह मानने का अधिकार है कि कंपनी के आंतरिक प्रबंधन ने आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी कर ली हैं।


सिद्धांत का महत्व

यह सिद्धांत बाहरी व्यक्तियों को कंपनी के आंतरिक कार्यों की जांच करने की बाध्यता से मुक्त करता है। इसका उद्देश्य व्यापारिक लेनदेन को सरल और सुगम बनाना है ताकि बाहरी व्यक्तियों को कंपनी के दस्तावेजों और प्रक्रियाओं की जांच करने की आवश्यकता न हो।


निर्णीत वाद (Decided Cases)

1. तुर्की बनाम रॉयल ब्रिटिश बैंक (Turquand v. Royal British Bank, 1856):

   - इस मामले में, अदालत ने निर्णय दिया कि बाहरी व्यक्ति यह मान सकते हैं कि कंपनी के आंतरिक प्रबंधन ने सभी आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी कर ली हैं।

   - इस वाद में, बैंक ने कंपनी से ऋण लिया, और बाद में कंपनी ने दावा किया कि उनके आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन के तहत यह ऋण अनुचित था। अदालत ने बैंक के पक्ष में निर्णय दिया, यह मानते हुए कि बैंक को कंपनी के आंतरिक कार्यों की जांच करने की आवश्यकता नहीं थी।


2. मौरेशस वाणिज्यिक बैंक लिमिटेड बनाम डार्लिंगटन (Mauritius Commercial Bank Ltd v. Darlington, 2013):

   - इस मामले में, कंपनी ने एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किया जो कि आंतरिक प्रक्रियाओं के अनुसार नहीं था। अदालत ने निर्णय दिया कि बाहरी व्यक्ति यह मान सकते हैं कि कंपनी के आंतरिक प्रबंधन ने आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी कर ली हैं।


अपवाद (Exceptions)

हालांकि आंतरिक प्रबंधन का सिद्धांत बाहरी व्यक्तियों की रक्षा करता है, लेकिन इसके कुछ अपवाद भी हैं:


1. ज्ञान (Knowledge):

   - अगर बाहरी व्यक्ति को यह पता है कि आंतरिक औपचारिकताएँ पूरी नहीं की गई हैं, तो वह इस सिद्धांत का लाभ नहीं उठा सकता।


2. धोखाधड़ी (Fraud):

   - अगर किसी लेनदेन में धोखाधड़ी शामिल है और बाहरी व्यक्ति इसमें सहभागी है, तो वह आंतरिक प्रबंधन के सिद्धांत का लाभ नहीं उठा सकता।


3. अधिकार की सीमा से बाहर (Acts outside Scope of Authority):

   - अगर कोई अधिकारी अपनी निर्धारित शक्तियों से बाहर जाकर कार्य करता है, और बाहरी व्यक्ति को यह पता है, तो वह इस सिद्धांत का लाभ नहीं उठा सकता।


4. ज्ञात अनियमितता (Known Irregularity):

   - अगर बाहरी व्यक्ति को कंपनी की आंतरिक प्रक्रियाओं में किसी अनियमितता का पता है, तो वह इस सिद्धांत का लाभ नहीं उठा सकता।


निष्कर्ष:-

आंतरिक प्रबंधन का सिद्धांत व्यापारिक लेनदेन को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। यह बाहरी व्यक्तियों को कंपनी के आंतरिक कार्यों की जांच करने की बाध्यता से मुक्त करता है, जिससे व्यापारिक लेनदेन में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ती है। हालांकि, इस सिद्धांत के अपवादों को ध्यान में रखना भी आवश्यक है ताकि लेनदेन में धोखाधड़ी और अनियमितताओं को रोका जा सके।


इस प्रकार, आंतरिक प्रबंधन का सिद्धांत कंपनियों और बाहरी व्यक्तियों के बीच विश्वास और सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह व्यापारिक वातावरण को स्थिर और प्रगतिशील बनाने में सहायक होता है।




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