Commissioner of I.T. (W.B.)Vs. Anwar Ali. AIR 1970 S.C. 1782.
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Commissioner of I.T. (W.B.)Vs. Anwar Ali.1970 AIR, S.C. 1782. | www.uniexpro.in |
1. Case Name:
आयुक्त आयकर (पश्चिम बंगाल) - वादी
बनाम अनवर अली - प्रतिवादी
सन्दर्भ:- AIR 1970 SC 1782
2. विषय:
इस मामले का विषय यह था कि क्या आयकर विभाग द्वारा लगाए गए दंड को सही ठहराया जा सकता है जब किसी करदाता की आय को छिपाने का कोई स्पष्ट प्रमाण न हो।
3. मामले के तथ्य:
- अनवर अली ने अपने आयकर रिटर्न में कुछ आय नहीं दिखाई थी।
- आयकर विभाग ने कहा कि उन्होंने कुछ आय छुपाई थी, इसलिए विभाग ने अनवर अली पर दंड लगाने का फैसला किया।
- अनवर अली ने कहा कि उन्होंने कोई आय नहीं छिपाई है, और उन्हें गलत तरीके से दोषी ठहराया जा रहा है।
- आयकर अधिकारी ने बिना स्पष्ट सबूतों के ही अनवर अली पर दंड लगाया।
- अनवर अली ने इस दंड के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया।
- मामला अंततः उच्चतम न्यायालय तक पहुंचा, जहां इस सवाल पर विचार किया गया कि क्या बिना ठोस प्रमाणों के दंड लगाया जा सकता है।
4. जिला अदालत या स्थानीय अदालत:
मामला सबसे पहले जिला या स्थानीय अदालत में गया, जहां आयकर विभाग का पक्ष सुना गया। स्थानीय अदालत ने अनवर अली को दोषी मानते हुए कहा कि आयकर अधिकारियों द्वारा लगाए गए दंड सही हैं।
5. उच्च न्यायालय:
इसके बाद अनवर अली ने उच्च न्यायालय में अपील की। उच्च न्यायालय ने अनवर अली के पक्ष में फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि बिना पुख्ता सबूतों के केवल संदेह के आधार पर दंड नहीं लगाया जा सकता है। उच्च न्यायालय ने दंड को अवैध करार दिया।
6. सर्वोच्च न्यायालय:
आयकर विभाग ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की। सर्वोच्च न्यायालय ने भी उच्च न्यायालय के फैसले को सही ठहराया और कहा कि केवल इसलिए कि किसी व्यक्ति ने अपनी आय को सही से नहीं दिखाया, इसका मतलब यह नहीं है कि वह जानबूझकर ऐसा कर रहा है। जब तक आय छिपाने के स्पष्ट सबूत नहीं होते, तब तक दंड नहीं लगाया जा सकता है। अदालत ने कहा कि आय छिपाने का आरोप साबित करने की जिम्मेदारी आयकर विभाग की होती है।
7. कानून द्वारा स्थापित सिद्धांत:
दंड के लिए ठोस सबूत जरूरी:
किसी भी करदाता पर दंड तभी लगाया जा सकता है जब यह स्पष्ट प्रमाण हो कि उसने जानबूझकर आय छुपाई है। बिना सबूतों के दंड नहीं लगाया जा सकता है।संदेह पर्याप्त नहीं है:
केवल संदेह के आधार पर दंड लगाना अनुचित है। दंड केवल ठोस और पुख्ता प्रमाणों के आधार पर ही लगाया जा सकता है।आरोप साबित करने की जिम्मेदारी:
यदि कर विभाग यह दावा करता है कि किसी ने आय छुपाई है, तो इसे साबित करने की जिम्मेदारी विभाग की होती है। यदि विभाग अपने दावे को सिद्ध नहीं कर पाता, तो दंड नहीं लगाया जा सकता है।
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