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अपील क्या होती है? (Appeal Under RTI in Hindi?)

Unit -4

धारा - 19,19(1), 19(3) 


अपील क्या होती है? (Appeal Under RTI in Hindi?)


रूपरेखा:- 

1. प्रस्तावना:- 

अगर किसी व्यक्ति को RTI के तहत मांगी गई सूचना नहीं मिलती है, या गलत सूचना दी जाती है, या RTI आवेदन खारिज कर दिया जाता है, तो वह अपील (Appeal) कर सकता है।

🔹 सीधे शब्दों में:
अगर कोई सरकारी विभाग आपको सही समय पर सही सूचना नहीं देता, तो आप ऊपर के अधिकारी के पास शिकायत (अपील) कर सकते हैं।

📜 महत्वपूर्ण सेक्शन:
👉 धारा 19 (Section 19) – अपील की प्रक्रिया बताती है।

2. अपील कब और क्यों की जाती है? (When and Why to File an Appeal?)

RTI में अपील तब की जाती है जब:

✅ 30 दिनों में कोई जवाब नहीं मिले।
✅ आधी-अधूरी या गलत सूचना मिले।
✅ विभाग RTI आवेदन खारिज कर दे।
✅ मांगी गई सूचना देने से इनकार कर दिया जाए।
✅ मांगी गई सूचना के लिए गैर-कानूनी रूप से ज्यादा पैसे मांगे जाएं।
✅ सूचना देने में जानबूझकर देरी की जाए।

📌 उदाहरण:

  1. राम ने बिजली विभाग से RTI में पूछा कि "मेरे इलाके में बिजली कटौती क्यों होती है?" लेकिन 30 दिन बाद भी कोई जवाब नहीं आया।
    👉 राम अब पहली अपील (First Appeal) कर सकता है।

  2. सीमा ने पुलिस विभाग से RTI में किसी केस की जानकारी मांगी, लेकिन पुलिस ने गलत जानकारी दे दी।
    👉 सीमा अपील कर सकती है ताकि उसे सही जानकारी मिले।

नहीं हो, या वरिष्ठ अधिकारी ने अपील खारिज कर दी हो, तो दूसरी अपील 90 दिन के अंदर करनी होती है।

🔹 किसके पास करें?
👉 राज्य सूचना आयोग (SIC) या केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के पास।

🔹 कैसे करें?

  1. लिखित में दूसरी अपील तैयार करें।
  2. पहली अपील के फैसले की कॉपी संलग्न करें।
  3. जरूरी दस्तावेज और प्रमाण जोड़ें।
  4. राज्य सूचना आयोग (SIC) या केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) को भेजें।

📌 उदाहरण:
सीमा ने पुलिस विभाग के खिलाफ पहली अपील की थी, लेकिन उसे फिर भी सही जानकारी नहीं मिली।
👉 अब सीमा राज्य सूचना आयोग (SIC) के पास दूसरी अपील कर सकती है।

📜 महत्वपूर्ण नियम:

  • सूचना आयोग को जल्द से जल्द अपील पर फैसला देना होता है।
  • अगर विभाग की गलती साबित होती है, तो संबंधित अधिकारी पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

4. अपील में क्या आदेश दिए जा सकते हैं? (What Orders Can Be Given in Appeal?)

🔹 सूचना देने का आदेश – आयोग सरकारी विभाग को सूचना देने का आदेश दे सकता है।
🔹 जुर्माना (Penalty) लगाना – अगर अधिकारी ने जानबूझकर सूचना नहीं दी, तो ₹250/- प्रतिदिन (अधिकतम ₹25,000/-) का जुर्माना लगाया जा सकता है।
🔹 कार्रवाई का आदेश – दोषी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया जा सकता है।

📜 महत्वपूर्ण केस लॉ:
👉 पार्वती बनाम दिल्ली जल बोर्ड (2010) – दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अगर RTI अधिकारी सूचना देने में देरी करता है, तो उसे ₹250/- प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना भरना होगा।


5. निष्कर्ष (Conclusion)

✔ अगर RTI का जवाब नहीं मिले या गलत मिले, तो अपील की जा सकती है।
✔ पहली अपील विभाग के वरिष्ठ अधिकारी (FAA) के पास होती है।
✔ अगर पहली अपील का जवाब संतोषजनक न हो, तो दूसरी अपील सूचना आयोग (SIC/CIC) में की जाती है।
✔ सूचना आयोग दोषी अधिकारियों पर जुर्माना लगा सकता है और कार्रवाई कर सकता है।
✔ RTI अपील का उद्देश्य नागरिकों को पारदर्शिता और जवाबदेही दिलाना है।

👉 अगर आपको RTI अपील से जुड़ी और जानकारी चाहिए, तो मुझे बताइए!


बहुत ही आसान हिंदी में (600+ शब्द) | उदाहरण, सेक्शन और केस लॉ सहित

1. अपील क्या होती है? (What is an Appeal?)

अगर किसी व्यक्ति को RTI के तहत मांगी गई सूचना नहीं मिलती है, या गलत सूचना दी जाती है, या RTI आवेदन खारिज कर दिया जाता है, तो वह अपील (Appeal) कर सकता है।

🔹 सीधे शब्दों में:
अगर कोई सरकारी विभाग आपको सही समय पर सही सूचना नहीं देता, तो आप ऊपर के अधिकारी के पास शिकायत (अपील) कर सकते हैं।

📜 महत्वपूर्ण सेक्शन:
👉 धारा 19 (Section 19) – अपील की प्रक्रिया बताती है।


2. अपील कब और क्यों की जाती है? (When and Why to File an Appeal?)

RTI में अपील तब की जाती है जब:

✅ 30 दिनों में कोई जवाब नहीं मिले।
✅ आधी-अधूरी या गलत सूचना मिले।
✅ विभाग RTI आवेदन खारिज कर दे।
✅ मांगी गई सूचना देने से इनकार कर दिया जाए।
✅ मांगी गई सूचना के लिए गैर-कानूनी रूप से ज्यादा पैसे मांगे जाएं।
✅ सूचना देने में जानबूझकर देरी की जाए।

📌 उदाहरण:

  1. राम ने बिजली विभाग से RTI में पूछा कि "मेरे इलाके में बिजली कटौती क्यों होती है?" लेकिन 30 दिन बाद भी कोई जवाब नहीं आया।
    👉 राम अब पहली अपील (First Appeal) कर सकता है।

  2. सीमा ने पुलिस विभाग से RTI में किसी केस की जानकारी मांगी, लेकिन पुलिस ने गलत जानकारी दे दी।
    👉 सीमा अपील कर सकती है ताकि उसे सही जानकारी मिले।


3. अपील की प्रक्रिया (Appeal Process under RTI Act, 2005)

RTI में दो तरह की अपील होती हैं:
1️⃣ पहली अपील (First Appeal) – विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के पास।
2️⃣ दूसरी अपील (Second Appeal) – राज्य या केंद्रीय सूचना आयोग के पास।


(1) पहली अपील (First Appeal) - धारा 19(1)

🔹 कब करें?
अगर 30 दिन में RTI का जवाब नहीं मिले या गलत सूचना दी जाए, तो पहली अपील 30 दिन के अंदर करनी होती है।

🔹 किसके पास करें?
👉 विभाग के वरिष्ठ अधिकारी (First Appellate Authority - FAA) के पास।

🔹 कैसे करें?

  1. लिखित में अपील पत्र तैयार करें।
  2. RTI आवेदन की कॉपी और जवाब (अगर मिला हो) संलग्न करें।
  3. सभी जरूरी दस्तावेज जोड़कर वरिष्ठ अधिकारी को भेजें।

📌 उदाहरण:
राम ने नगर निगम से RTI में अपने इलाके की सड़क मरम्मत का खर्च पूछा। लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला।
👉 अब राम पहली अपील नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी (FAA) के पास कर सकता है।

📜 महत्वपूर्ण नियम:

  • वरिष्ठ अधिकारी को 30 दिनों में अपील पर निर्णय देना होता है।
  • अगर कोई खास कारण हो, तो 45 दिन तक का समय लिया जा सकता है।

...

(2) दूसरी अपील (Second Appeal) - धारा 19(3)

🔹 कब करें?
अगर पहली अपील का जवाब संतोषजनक नहीं हो, या वरिष्ठ अधिकारी ने अपील खारिज कर दी हो, तो दूसरी अपील 90 दिन के अंदर करनी होती है।

🔹 किसके पास करें?
👉 राज्य सूचना आयोग (SIC) या केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के पास।

🔹 कैसे करें?

  1. लिखित में दूसरी अपील तैयार करें।
  2. पहली अपील के फैसले की कॉपी संलग्न करें।
  3. जरूरी दस्तावेज और प्रमाण जोड़ें।
  4. राज्य सूचना आयोग (SIC) या केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) को भेजें।

📌 उदाहरण:
सीमा ने पुलिस विभाग के खिलाफ पहली अपील की थी, लेकिन उसे फिर भी सही जानकारी नहीं मिली।
👉 अब सीमा राज्य सूचना आयोग (SIC) के पास दूसरी अपील कर सकती है।

📜 महत्वपूर्ण नियम:

  • सूचना आयोग को जल्द से जल्द अपील पर फैसला देना होता है।
  • अगर विभाग की गलती साबित होती है, तो संबंधित अधिकारी पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

4. अपील में क्या आदेश दिए जा सकते हैं? (What Orders Can Be Given in Appeal?)

🔹 सूचना देने का आदेश – आयोग सरकारी विभाग को सूचना देने का आदेश दे सकता है।
🔹 जुर्माना (Penalty) लगाना – अगर अधिकारी ने जानबूझकर सूचना नहीं दी, तो ₹250/- प्रतिदिन (अधिकतम ₹25,000/-) का जुर्माना लगाया जा सकता है।
🔹 कार्रवाई का आदेश – दोषी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया जा सकता है।

📜 महत्वपूर्ण केस लॉ:
👉 पार्वती बनाम दिल्ली जल बोर्ड (2010) – दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अगर RTI अधिकारी सूचना देने में देरी करता है, तो उसे ₹250/- प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना भरना होगा।


5. निष्कर्ष (Conclusion)

अगर RTI का जवाब नहीं मिले या गलत मिले, तो अपील की जा सकती है।
पहली अपील विभाग के वरिष्ठ अधिकारी (FAA) के पास होती है।
अगर पहली अपील का जवाब संतोषजनक न हो, तो दूसरी अपील सूचना आयोग (SIC/CIC) में की जाती है।
सूचना आयोग दोषी अधिकारियों पर जुर्माना लगा सकता है और कार्रवाई कर सकता है।
RTI अपील का उद्देश्य नागरिकों को पारदर्शिता और जवाबदेही दिलाना है।

👉 अगर आपको RTI अपील से जुड़ी और जानकारी चाहिए, तो मुझे बताइए!


   





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