Notes
Subject:-
मानव अधिकार और मानवीय कानून
(HUMAN RIGHTS AND HUMANITARIAN LAW)
ईकाई 1 (UNIT 1)
1. आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकारों की अंतरराष्ट्रीय संधि, 1966 (ICESCR) और नागरिक एवं राजनीतिक अधिकारों की अंतरराष्ट्रीय संधि, 1966 (ICCPR)
(a) आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों की संधि (ICESCR)
इस संधि को 1966 में संयुक्त राष्ट्र (UN) ने अपनाया और 1976 में इसे लागू किया गया। इसमें ऐसे अधिकार शामिल हैं जो लोगों को बेहतर जीवन जीने में मदद करते हैं, जैसे -
- शिक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 13)
- स्वास्थ्य का अधिकार (अनुच्छेद 12)
- रोजगार का अधिकार (अनुच्छेद 6)
- संस्कृति में भागीदारी का अधिकार (अनुच्छेद 15)
- उचित जीवन स्तर का अधिकार (अनुच्छेद 11)
(b) नागरिक और राजनीतिक अधिकारों की संधि (ICCPR)
इसे भी 1966 में संयुक्त राष्ट्र ने अपनाया और 1976 में लागू किया। इसमें वे अधिकार शामिल हैं जो नागरिक स्वतंत्रता और राजनीति से जुड़े होते हैं, जैसे -
- जीवन का अधिकार (अनुच्छेद 6)
- स्वतंत्रता और सुरक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 9)
- समानता का अधिकार (अनुच्छेद 26)
- धार्मिक स्वतंत्रता (अनुच्छेद 18)
- स्वतंत्र और निष्पक्ष न्याय का अधिकार (अनुच्छेद 14)
महत्वपूर्ण केस:
- Vishaka v. State of Rajasthan (1997) - महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए दिशा-निर्देश बनाए गए।
- Maneka Gandhi v. Union of India (1978) - संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार) की व्याख्या की गई।
ईकाई 2 (UNIT 2)
2. मानवाधिकार और भारतीय संविधान का संबंध
भारतीय संविधान में कई प्रावधान हैं जो मानवाधिकारों की रक्षा करते हैं। इनमें शामिल हैं -
- मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 12-35) - जैसे जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार।
- नीति निदेशक तत्व (अनुच्छेद 36-51) - सरकार को समाज में समानता और न्याय बनाए रखने के लिए दिशा-निर्देश।
- संविधान का भाग IV-A (अनुच्छेद 51A) - नागरिकों के कर्तव्य जैसे दूसरों के अधिकारों का सम्मान।
महत्वपूर्ण केस:
- Kesavananda Bharati v. State of Kerala (1973) - संविधान की बुनियादी संरचना को सुरक्षित किया गया।
- Olga Tellis v. Bombay Municipal Corporation (1985) - फुटपाथ पर रहने वालों के जीवन और जीविका के अधिकार को मान्यता दी गई।
ईकाई 3 (UNIT 3)
3. तृतीय जिनेवा संधि, 1949 – युद्धबंदियों के अधिकार
इस संधि के अनुसार युद्ध के दौरान पकड़े गए सैनिकों को सम्मानपूर्वक रखा जाना चाहिए। उनके साथ अमानवीय व्यवहार नहीं किया जा सकता।
- शारीरिक और मानसिक यातना पर प्रतिबंध
- उचित भोजन और चिकित्सा सुविधा देना
- परिवार को सूचना देना
- उनका अपमान नहीं किया जा सकता
महत्वपूर्ण केस:
- Hamdan v. Rumsfeld (2006, USA) - ग्वांतानामो बे जेल में बंद कैदियों के अधिकारों पर फैसला।
ईकाई 4 (UNIT 4)
4. सशस्त्र संघर्ष (Armed Conflict) और इसके प्रकार
(a) अंतरराष्ट्रीय सशस्त्र संघर्ष (IAC)
जब दो या अधिक देशों की सेनाओं के बीच लड़ाई होती है, तो इसे IAC कहते हैं। जैसे - भारत-पाकिस्तान युद्ध (1971), रूस-यूक्रेन युद्ध (2022)
(b) गैर-अंतरराष्ट्रीय सशस्त्र संघर्ष (NIAC)
जब एक ही देश के भीतर सरकार और विद्रोही गुटों के बीच संघर्ष होता है, तो इसे NIAC कहते हैं। जैसे - भारत में नक्सलवादी संघर्ष, सीरिया का गृहयुद्ध
महत्वपूर्ण केस:
- Prosecutor v. Tadić (ICTY, 1999) - युद्ध अपराधों के लिए पहला फैसला दिया गया।
ईकाई 5 (UNIT 5)
5. रेड क्रॉस और अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC)
(a) इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रॉस (ICRC)
यह संगठन युद्ध के दौरान घायलों और नागरिकों की मदद करता है। इसकी स्थापना 1863 में हुई थी। भारत में Indian Red Cross Society (IRCS) इसी तरह काम करती है।
(b) अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC)
यह अदालत 2002 में स्थापित हुई और इसका मुख्यालय हेग, नीदरलैंड में है। यह नरसंहार, युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराधों पर मुकदमा चलाती है।
महत्वपूर्ण केस:
- Prosecutor v. Thomas Lubanga (2012) - बाल सैनिकों की भर्ती पर पहला फैसला।
- Prosecutor v. Omar al-Bashir (2009) - सूडान के राष्ट्रपति पर नरसंहार का आरोप।
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