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African Union Kya hai? What is African Union? अफ्रीकी संघ क्या है? अफ्रीकी संघ African Union (A.U.)

African Union Kya hai?

What is African Union?

अफ्रीकी संघ African Union (A.U.)


अफ्रीकी संघ African Union (A.U.)
अफ्रीकी संघ African Union (A.U.)




अफ्रीकी संघ’ (A.U.) का गठन यूरोपीय संघ (E.U.) की तर्ज पर किया गया है। ‘अफ्रीकी संघ’ ‘अफ्रीकी दिवस’ (25 मई) के अगले ही दिन 26 मई, 2001 को अस्तित्व में आया। जुलाई, 2000 में लोम (टोगो) में स्वीकार किए गए ‘कॉन्स्टीट्यूटिव ऐक्ट ऑफ द अफ्रीकन यूनियन’ (Constitutive Act of the African Union-C.A.A.U.) के तहत 53 सदस्यीय ‘अफ्रीकी एकता संगठन’ (Organisation of African Union-O.A.U.) ‘अफ्रीकी संघ’ में रूपांतरित हो गया। इस चार्टर में प्रावधान किया गया था कि ‘ओ.ए.यू.’ के 53 सदस्यों में से 36राष्ट्रों द्वारा विधिवत् अनुमोदन के 30 दिन के बाद ‘अफ्रीकी संघ’ अस्तित्व में आ जाएगा। चार्टर का अनुमोदन करनेवाला 36वाँ राष्ट्र नाइजीरिया था, जिसने 26 अप्रैल, 2001 को इसका अनुमोदन किया। इस प्रकार नाइजीरिया के अनुमोदन के 30 दिन बाद 26 मई, 2001 को ‘अफ्रीकी संघ’ अस्तित्व में आ गया। उल्लेखनीय है कि ‘अफ्रीकी एकता संगठन’ का चार्टर 25 मई, 1963 को अदिस अबाबा (इथोपिया) में स्वीकार किया गया था, जिस पर 32 अफ्रीकी देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने हस्ताक्षर किए थे। इसी परिप्रेक्ष्य में 25 मई को ‘अफ्रीकी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। सन् 1963 में स्थापित ‘अफ्रीकी एकता संघ’ 38 वर्षों (1963 से 2001) तक सफलतापूर्वक चला। 

अफ्रीकी संगठन’ में इसके रूपांतरण की प्रक्रिया 9 सितंबर, 1999 (9-9-99) को सिर्टे (लीबिया) में स्वीकार किए गए ‘सिर्टे घोषणा-पत्र’ में ही प्रारंभ हो गई थी। इसके चार्टर को बाद में जुलाई 2000 में लोम (टोगो) सम्मेलन में स्वीकार किया गया। 8 जुलाई, 2002 को डरबन (द. को डरबन (द. अफ्रीका) में आयोजित शिखर सम्मेलन में संगठन का नाम ‘अफ्रीकी एकता संगठन’ से बदलकर ‘अफ्रीकी संघ’ कर दिया गया। नवगठित ‘अफ्रीकी संघ’ अपने पूर्ववर्ती ‘अफ्रीकी एकता संगठन’ की तुलना में अधिक शक्तिशाली है। विश्व में हो रहे सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक परिवर्तनों के परिपे्रक्ष्य में महाद्वीपीय एकता को और भी सुदृढ़ करने के उद्देश्य से इसका गठन किया गया है। इसके तहत एक ‘अखिल अफ्रीकी संसद्’ और ‘अफ्रीकी न्यायालय’ के गठन का प्रावधान किया गया है। 

‘अफ्रीकी संसद्’ (Parliament) ‘अफ्रीकी संघ’ की सर्वोच्च विधायी निकाय है। यह संसद् मिड्रैंड, दक्षिण अफ्रीका में स्थित है। इसके लिए सभी 53 सदस्य देशों से 265 प्रतिनिधि निर्वाचित किए जाते हैं। ‘अफ्रीकी संघ’ का अपना न्यायालय भी है, जो सदस्य देशों के पारस्परिक विवादों का निपटारा करने का प्रयास करता है। इसके अतिरिक्त ‘अफ्रीकी संघ’ की अपनी एक शांति सेना भी है, जिसे संघ के सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का अधिकार है। इसने पहला सैनिक हस्तक्षेप मई, 2003 में सदस्य देश बरूडी में किया था। 

भारत-अफ्रीका मंच (India-Africa Forum) 


अफ्रीकी देशों के साथ भारत के आर्थिक, वाणिज्यिक एवं कूटनीतिक संबंधों को नए आयाम प्रदान करने के उद्देश्य से भारत व अफ्रीकी देशों के ‘भारत-अफ्रीका मंच’ का पहला शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में 8-9 अप्रैल, 2008 को आयोजित हुआ। दक्षिण अफ्रीका, युगांडा, तंजानिया, घाना व कांगो के राष्ट्रपति सहित 53 सदस्यीय ‘अफ्रीकी संघ’ के चेयरमैन भी इस सम्मेलन में भाग लेनेवालों में शामिल थे। सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत अफ्रीका के विकास की गति को तेज करने का इच्छुक है। इसी परिप्रेक्ष्य में विश्व के 50 न्यूनतम विकसित देशों से आयात को शुल्क-मुक्त करने तथा अपने बाजार  विश्व के 50 न्यूनतम विकसित देशों से आयात को शुल्क-मुक्त करने तथा अपने बाजार में इन देशों के सामान को प्राथमिकता देने की घोषणा की। इन 50 देशों में 34 देश अफ्रीका के होने के कारण अफ्रीका को इससे लाभ मिलेगा। सुरक्षा परिषद् की स्थायी सदस्यता के मामले में सम्मेलन के दौरान भारत व अफ्रीका ने एक-दूसरे के प्रति समर्थन व्यक्त किया। ‘दिल्ली घोषणा-पत्र’ व ‘भारत-अफ्रीका सहयोग दृष्टि-पत्र’ नाम से दो दस्तावेज सम्मेलन के समापन के अवसर पर जारी किए गए। उल्लेखनीय है कि ‘भारत-अफ्रीका मंच’ का शिखर सम्मेलन प्रति तीन वर्षों में एक बार होता है। 

अफ्रीकी संघ : महत्त्वपूर्ण तथ्य 



• जुलाई, 2000 में लोम (टोगो) में स्वीकार किए गए चार्टर ‘कॉन्स्टीट्यूटिव ऐक्ट ऑफ द अफ्रीकन यूनियन’ (C.A.A.U.) के तहत 53 सदस्यीय ‘अफ्रीकी एकता संगठन’ ‘अफ्रीकी संघ’ में रूपांतरित हो गया। 

• 25 जुलाई, 1963 में स्थापित ‘अफ्रीकी एकता संगठन’ 38 वर्षों (1963 से 2001) तक सफलतापूर्वक चला। 26 मई, 2001 को इसके स्थान पर ‘अफ्रीकी संघ’ अस्तित्व में आया। 

• ‘अफ्रीकी संघ’ का प्रथम शिखर सम्मेलन जुलाई, 2002 में डरबन ;(द. अफ्रीका) में आयोजित हुआ। 



• कुल 53 अफ्रीकी देश इसके सदस्य हैं। 

• अफ्र्रीकी महाद्वीप का एकमात्र देश मोरक्को है, जो ‘अफ्रीकी संघ’ का सदस्य नहीं है। उल्लेखनीय है कि मोरक्को ने सन् 1984 में ‘अफ्रीकी एकता संगठन’ की सदस्यता छोड़ दी थी। 

• पैन अफ्रीकी–संसद् (P.A.P.) ‘अफ्रीकी संघ’ की सर्वोच्च विधायी निकाय है, जिसमें ‘अफ्रीकी संघ’ के सभी 53 सदस्य देशों के 
265 प्रतिनिधि चुनकर आते हैं। यह संसद् मिड्रेंड (Midrand) द. अफ्रीका में स्थित है। 

• ‘अफ्रीकी संघ’ का अपना एक न्यायालय है, जो सदस्य देशों के पारस्परिक विवादों का निपटारा करता है। 

• ‘अफ्रीकी संघ’ की अपनी एक शांति सेना है। 

• ‘अफ्रीकी संघ’ का अपना एक केंद्रीय बैंक है। 

• ‘भारत-अफ्रीकी मंच’ का पहला शिखर सम्मेलन 8-9 अप्रैल, 2008 को नई दिल्ली में आयोजित हुआ। ‘अफ्रीकी संघ’ का मुख्यालय अदिस अबाबा (इथोपिया) में है।








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